कटनी कोर्ट के स्टेनोग्राफर की सेवा समाप्ति को हाई कोर्ट ने सही ठहराया
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने जिला सत्र न्यायाधीश कटनी के उस फैसले को सही ठहराया है,जिसके तहत एक स्टेनोग्राफर के प्रोबेशन पीरियड में किए गए कार्य को संतोष जनक नहीं पाते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
जस्टिस अतुल श्रीधरन व जस्टिस डी के पालीवाल की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के परिवीक्षा अवधि में की गई सेवा लगातार असंतोष जनक पाई गई,इसलिए जिला सत्र न्यायाधीश द्वारा कर्मचारी को सर्विस के लिए अयोग्य पाते हुए सेवामुक्त करना गलत या अवैध नहीं कहा जा सकता । इस मत के साथ जिला न्यायाधीश के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कर्मचारी की याचिका खारिज कर दी।
मामला
मुरैना निवासी बृजरानी ने याचिका दायर कर बताया कि 5 जनवरी 2015 को उन्हें कटनी न्यायालय में स्टेनोग्राफर के पद पर प्रोबेशन पर नियुक्ति मिली थी। दिसंबर 2019 में उनकी परिवीक्षा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई। परिवीक्षा अवधि के दौरान उनकी सेवा को असंतोष जनक पाया गया। जिला न्यायाधीश कटनी ने 15 जुलाई 2020 को याचिकाकर्ता की सेवा समाप्त कर दी।याचिकाकर्ता ने इस संबंध में हाई कोर्ट प्रशासन के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। हाई कोर्ट प्रशासन ने 5 मार्च 2025 को अभ्यावेदन निरस्त कर दिया,इसलिए जिला न्यायाधीश कटनी के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। शासन की ओर से उप महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी ने पक्ष रखा।
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पं राकेश तिवारी
चीफ एडिटर_भोपाल तक
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